प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर भजन लिरिक्स
प्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर, दोहा - प्रेम बिना पावे नहीं, चाहे हुनर करो हज़ार, कहे प्रीतम प्रेम बिना,...
Read moreDetailsप्रेम नगर मत जा ए मुसाफिर, दोहा - प्रेम बिना पावे नहीं, चाहे हुनर करो हज़ार, कहे प्रीतम प्रेम बिना,...
Read moreDetailsलगाले प्रेम ईश्वर से, अगर तू मोक्ष चाहता है।। रचा उसने जगत सारा, करे वो पालना सब की, करे वो...
Read moreDetailsगुरु चरण कमल बलिहारी रे, मेरे मन की दुविधा टारि रे, गुरु चरण कमल बलिहारी रे।। भव सागर में नीर...
Read moreDetailsअगर है ज्ञान को पाना, तो गुरु की जा शरण भाई।। जटा सिर पर रखाने से, भस्म तन में रमाने से,...
Read moreDetailsनजर भर देख ले मुझको, शरण में तेरी आया हूँ।। कोई माता पिता बंधू, सहायक है नहीं मेरा, सहायक है...
Read moreDetailsकृष्ण घर नन्द के जन्मे, दुलारा हो तो ऐसा हो, लोग दर्शन चले आये, सितारा हो तो ऐसा हो।। बकासुर...
Read moreDetailsराम दशरथ के घर जन्मे, घराना हो तो ऐसा हो, घराना हो तो ऐसा हो, लोग दर्शन को चल आये,...
Read moreDetailsईश्वर को जान बन्दे, मालिक तेरा वही है, करले तू याद दिल से, हर जां में वो सही है, ईष्वर...
Read moreDetailsभोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर,...
Read moreDetailsदो दिन का जगत मे मेला, सब चला चली का खेला।। कोई चला गया कोई जावे, कोई गठरी बाँध सिधारे,...
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