शीश गंग अर्धंग पार्वती सदा विराजत कैलासी स्तुति लिरिक्स
शीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी, नंदी भृंगी नृत्य करत है, धरत ध्यान सुर सुखरासी।। शीतल मन्द सुगन्ध पवन,...
Read moreDetailsशीश गंग अर्धंग पार्वती, सदा विराजत कैलासी, नंदी भृंगी नृत्य करत है, धरत ध्यान सुर सुखरासी।। शीतल मन्द सुगन्ध पवन,...
Read moreDetailsआरती पवन दुलारे की, भक्त भय तारणहारे की।। तर्ज - आरती कुञ्ज बिहारी की। दोऊ कर चरण शीश नाऊँ, दास...
Read moreDetailsब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं, ब्रह्ममुरारि सुरार्चित लिंगं, निर्मलभासित शोभित लिंगम्, जन्मज दुःख विनाशक लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगम्।।१।। देवमुनि प्रवरार्चित लिंगं, कामदहन...
Read moreDetailsआरती दीनदयाल, साहेब आरती हो, आरती गरीब नवाज, साहेब आरती हो।। ज्ञान आधार विवेक की बाती, सुरति जोत जहाँ जात,...
Read moreDetailsॐ जय शिव जय महाकाल, स्वामी जय शम्भू महाकाल, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, ज्योतिर्लिंग स्वरूपा, तुम कालो के काल, ओम जय शिव...
Read moreDetailsआरती श्री हरि घट घट वासी, श्री सच्चिदानंद सुखराशि।। पुरुषोत्तम नारायण स्वामी, करुणानिधि प्रभु अंतरयामी, कमलापति श्री विष्णु नमामि, मंगलमय...
Read moreDetailsआरती सुन्दरकाण्ड की कीजे, श्री पंचम सौपान की कीजे, आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।। सरल श्लोक दोहा चौपाई, गावत सुनत लगत...
Read moreDetailsओम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय गिरिराज, संकट में तुम राखो, संकट में तुम राखो, निज भक्तन की...
Read moreDetailsओम जय धन्वंतरि देवा, स्वामी जय धन्वंतरि देवा, जरा रोग से पीड़ित, जन जन सुख देवा, ॐ जय धन्वंतरि देवा।।...
Read moreDetailsॐ जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता, सब जग की सुख दाता, तुम ही वर दाता, ओम जय तुलसी...
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