आव सखी देखा गणपत घूमे है लाम्बी है सूँड मतवाला जी

आव सखी देखा गणपत घूमे है लाम्बी है सूँड मतवाला जी

आव सखी देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी,
घृत सिन्दुर थारे मस्तक सोहे देवा,
शिव-शक्ति का बाला हो गणपत,
देव भया मतवाला जी।।



राजा भी सुमिरे थाने,

परजा भी सुमिरे है,
सुमिरे गा जोगी जटावाला जी,
उठ सँवारी व्यापारी,
थाने सुमिरे देवा,
रिद्धि सिद्धि देवणवाला ओ गणपत,
देव भया मतवाला जी,
आव सखि देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी।।



ओढ़ण पीत पीतम्बर सोहे देवा,

गल फूलंडा री फूल मालाजी,
सात सखी रल मंगल गावे देवा,
बुद्धि को देवण वाला ओ गणपत,
देव भया मतवाला जी,
आव सखि देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी।।



नाथ गुलाब, मिल्या गुरु पूरा म्हाने,

हृदय में करियो उजियाला जी,
भानीनाथ, शरण सतगुरु की देवा,
खोल्या भ्रम रा ताला ओ गणपत,
देव भया मतवाला जी,
आव सखि देखा गणपत घूमे है,
लाम्बी है सूँड मतवाला जी।।



आव सखी देखा गणपत घूमे है,

लाम्बी है सूँड मतवाला जी,
घृत सिन्दुर थारे मस्तक सोहे देवा,
शिव-शक्ति का बाला हो गणपत,
देव भया मतवाला जी।।

Upload By – Himalay Joriwal


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