है दुखभंजन,
बाबोसा भगवन,
तुम्ही प्राण प्यारे,
तुम हो जीवन,
मन मे यही है कामना,
करूँ बस तेरी ही साधना,
आओ पधारो बाबोसा,
मन मन्दिर में बाबोसा।।
तुमसे ही मेरी प्रीत लगी,
दिल मे तुम्हारी ज्योत जगी,
श्रद्धा से करूँ प्रार्थना,
करूँ बस तेरी साधना,
आओं पधारो बाबोसा,
मन मन्दिर में बाबोसा।।
बाबोसा तेरा है मुझको सहारा,
जग में न तुम बिन कोई हमारा,
नजरो में अपनी रखना,
करूँ बस तेरी साधना,
आओं पधारो बाबोसा,
मन मन्दिर में बाबोसा।।
डूब न जाये कहि ‘दिलबर’ ये नैया,
बाबोसा बन जाओ तुम खिवैय्या,
पतवार आके थामना,
करूँ बस तेरी साधना,
आओं पधारो बाबोसा,
मन मन्दिर में बाबोसा।।
है दुखभंजन,
बाबोसा भगवन,
तुम्ही प्राण प्यारे,
तुम हो जीवन,
मन मे यही है कामना,
करूँ बस तेरी ही साधना,
आओ पधारो बाबोसा,
मन मन्दिर में बाबोसा।।
गायिका – सुकेशी शाशा मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
( म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर )
मो . 9820947184