हमारा मन राधा ले गई रे,
राधा ले गई राधा ले गई,
राधा ले गई रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार।
गहरी गहरी वन की छैया,
वहां पर चर रही मेरी गैया,
नैनन के वो तीर चला के,
नैनन के वो तीर चला के,
घायल कर गई रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
मधुबन में मैं गैया चराऊं,
मीठी मीठी बंसी बजाऊं,
बरसाने की चतुर गुजरिया,
बरसाने की चतुर गुजरिया,
दिल में उतर गई रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
मैं भोला वो चतुर गुजरिया,
एक दिन मेरी पकडी उंगलियां,
बातों ही बातों में बंसी,
बातों ही बातों में बंसी,
लेके खिसक गई रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
मैया में बरसाने जाऊं,
वहां से अपनी बंसी लाऊ,
बंसी के बिन गैया मेरी,
बंसी के बिन गैया मेरी,
यहां वहां भागे रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
राधा के बिन चैन न पाऊं,
बंसी में मैं राधे राधे गाऊं,
‘बनवारी’ कहे हाथ जोड़ के,
‘बनवारी’ कहे हाथ जोड़ के,
हिवडे में बस गई रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
हमारा मन राधा ले गई रे,
राधा ले गई राधा ले गई,
राधा ले गई रे,
हमारो मन राधा ले गई रे।।
Singer – Aarti