राम नाम सुखदाई, 
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है जंगल की लकड़ी,
आग लगे जल जाई, 
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है फूलों का बगीचा,
धुप पड़े मुरझाए, 
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है भूतो की हवेली,
मार पड़े भग जाए,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है सपनो की माया,
आँख खुले कुछ नाही,
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है कागज की पुड़िया
हवा चले उड़ जाई, 
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
ये तन है माटी का पुतला,
बूँद पड़े गल जाए, 
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
राम नाम सुखदाई, 
भजन करो भाई,
ये जीवन दो दिन का।।
स्वर – विजय प्रकाश वैष्णव
			






