यूँ तो क्या क्या नज़र नहीं आता गजल लिरिक्स

यूँ तो क्या क्या नज़र नहीं आता गजल लिरिक्स

यूँ तो क्या क्या नज़र नहीं आता,

दोहा – भोला जब देता है तो,
ढेरो के ढेर लगा देता है,
और भोला जब लेता है,
तो चमड़ी उधेड़ देता है।



यूँ तो क्या क्या नज़र नहीं आता,

कोई तुमसा नज़र नहीं आता।।



जो नज़र आते नहीं अपने,

जो है अपना नज़र नहीं आता,
कोई तुमसा नज़र नहीं आता,
यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता,
कोई तुमसा नज़र नहीं आता।।



हो चली ख़त्म इंतज़ार में उम्र,

कोई आता नज़र नहीं आता,
कोई तुमसा नज़र नहीं आता,
यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता,
कोई तुमसा नज़र नहीं आता।।



झोलियाँ सबकी भरती जाती है,

देने वाला नज़र नहीं आता,
कोई तुमसा नज़र नहीं आता,
यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता,
कोई तुमसा नज़र नहीं आता।।



यूं तो क्या क्या नज़र नहीं आता,

कोई तुमसा नज़र नहीं आता।।

गायक – बाबा भोलानाथ जी।


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