बिन पानी के नाव खे रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है,
वो नसीबो से ज़्यादा दे रहा है।।
भूखे उठते है पर,
भूखे सोते नहीं,
दुःख आते है हम पर,
तो रोते नहीं,
दिन रात खबर ले रहा है,
वो नसीबो से ज़्यादा दे रहा है।।
मेरा छोटा सा घर,
महलों का राजा है वो,
मेरी औक़ात क्या,
महाराजा है वो,
फिर भी साथ मेरे रह रहा है,
वो नसीबो से ज़्यादा दे रहा है।।
‘बनवारी’ दीवाने,
बड़े से बड़े,
इनके चरणों में,
कंकर के जैसे पड़े,
फिर भी अर्ज़ी मेरी सुन रहा है,
वो नसीबो से ज़्यादा दे रहा है।।
बिन पानी के नाव खे रहा है,
वो नसीबों से ज़्यादा दे रहा है,
वो नसीबो से ज़्यादा दे रहा है।।
Singer – Raj Pareek









Jai shree shyam
Very nice bhajan
Jai shree shyam