खाटू बुलाले सांवरिया मेरा मन घबराये रे भजन लिरिक्स

खाटू बुलाले सांवरिया मेरा मन घबराये रे भजन लिरिक्स
कृष्ण भजनफिल्मी तर्ज भजन

बाबा मुझको दर पे बुलाले,
अब तो मुझसे रहा ना जाए,
प्रेमी तुझको दिल से तो आवाज़ लगाए रे,
खाटू बुलाले सांवरिया मेरा मन घबराये रे,
ग्यारस बीते महीने बीते क्यों तड़पाये रे,
खाटू बुलाले साँवरिया मेरा मन घबराये रे।।

तर्ज – घर आजा परदेसी तेरा।



तेरी सूरत का है जादू,

मेरा खुद पे नहीं है काबू,
तुझको देखूं तुझमें खोऊँ,
इससे ज़्यादा कुछ ना चाहूँ,
मेरे बाबा मुरली वाले,
मेरे बाबा लीले वाले,
तेरा दर्शन पाकर मेरा मन हर्षाये रे,
खाटू बुलाले साँवरिया मेरा मन घबराये रे।।



देख खाटू की वो गलियां,

मन मेरा कहे कन्हैया,
रींगस से निशान उठाऊं,
तोरण द्वार पे सर मैं झुकाऊं,
इस मिटटी को मैं ही चूमूँ,
सोच सोच कर मैं ही झूमूँ,
खाटू की उस धरती पर मैं नाचूँ गाऊँ रे,
खाटू बुलाले साँवरिया मेरा मन घबराये रे।।



ये मेरी अर्ज़ी है श्याम,

खाटू आना है ज़रूरी,
तेरे बिन मैं जी ना पाऊं,
तेरी यादों में मर जाऊं,
तेरे दर्शन की है ठानी,
सुनले मेरे शीश के दानी,
‘वर्मा’ तेरा बेटा बाबा तुझे मनाये रे,
खाटू बुलाले साँवरिया मेरा मन घबराये रे।।



बाबा मुझको दर पे बुलाले,
अब तो मुझसे रहा ना जाए,
प्रेमी तुझको दिल से तो आवाज़ लगाए रे,
खाटू बुलाले सांवरिया मेरा मन घबराये रे,
ग्यारस बीते महीने बीते क्यों तड़पाये रे,
खाटू बुलाले साँवरिया मेरा मन घबराये रे।।

Singer – Yash Verma


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