तुम्हे देखूं नजर भरकर,
तेरा जलवा निराला है,
मुझे राहत मिलती है,
कली मन की खिलती है,
तुम्हें देखूँ नजर भरके,
तेरा जलवा निराला है।bd।
तर्ज – ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर।
मैं कुछ भी कह नहीं पाता,
सनम के सामने मन की,
छुपाऊंगा कहां तक राज,
ये ही बात उलझन की,
सलोने श्याम परदे में,
मेरी दुनिया पलती,
दुनिया पलती,
दुनिया पलती,
तुम्हें देखूँ नजर भरके,
तेरा जलवा निराला है,
मुझे राहत मिलती है,
कली मन की खिलती है।bd।
ना कह पाऊं मगर माधव,
तुम्हें सब जानकारी है,
ये दिल में सोच बैठा हूं,
के शहंशाह से यारी है,
चला आकाश छूने को,
यही मेरी गलती,
मेरी गलती,
मेरी गलती,
तुम्हें देखूँ नजर भरके,
तेरा जलवा निराला है,
मुझे राहत मिलती है,
कली मन की खिलती है।bd।
यही है कैफियत दिल की,
तुम्ही से उल्फत मेरी है,
जहां ठोकर जिसे मारे,
उसी को रहमत तेरी है,
यही सुनकर चला आया,
यहां बिगड़ी बनती,
बिगड़ी बनती,
बिगड़ी बनती,
तुम्हें देखूँ नजर भरके,
तेरा जलवा निराला है,
मुझे राहत मिलती है,
कली मन की खिलती है।bd।
तू ही इस ‘श्याम बहादुर’ के,
कन्हैया दिल में रहता है,
ये फरियादी खड़ा दर पे,
यही ‘शिव श्याम’ कहता है,
सही कर दे तू अर्जी पर,
कलम तेरी चलती,
तेरी चलती,
तेरी चलती,
तुम्हें देखूँ नजर भरके,
तेरा जलवा निराला है,
मुझे राहत मिलती है,
कली मन की खिलती है।bd।
तुम्हे देखूं नजर भरकर,
तेरा जलवा निराला है,
मुझे राहत मिलती है,
कली मन की खिलती है,
तुम्हें देखूँ नजर भरके,
तेरा जलवा निराला है।bd।
Singer – Vikash Ruia
Lyrics – Shri Shivcharan Ji Bhimrajka