थाने सुमरा मैं दिन रात बालाजी कद आवोला भजन लिरिक्स

थाने सुमरा मैं दिन रात बालाजी कद आवोला भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजनलक्खा जी भजनहनुमान भजन

थाने सुमरा मैं दिन रात,
बालाजी कद आवोला,
कद आवोला, कद आवोला,
कदे आकर दर्श दिखावोला,
थाने सुमरा मै दिन रात,
बालाजी कद आवोला।।



हर घडी माला फेरूं,

बाबा थारे नाम की,
बाबा थारे नाम की,
मन में बसी है छवि,
सालासर धाम की,
सालासर धाम की,
किरपा को थामो हाथ,
किरपा को थामो हाथ,
बालाजी कद आवोला,
थाने सुमरा मै दिन रात,
बालाजी कद आवोला।।



लोभ और मोह बाबा,

मन्ने ललचा रियो,
मन्ने ललचा रियो,
काम क्रोध और अहंकार,
मन से नी जा रियो,
मन से नी जा रियो,
बेठ्या पाँचू लगा के घात,
बेठ्या पाँचू लगा के घात,
बालाजी कद आवोला,
थाने सुमरा मै दिन रात,
बालाजी कद आवोला।।



नाम थारा लिया दुःख,

निरे नई आवे रे,
निरे नई आवे रे,
कट जावे रोग सोया,
भाग जग जावे रे,
भाग जग जावे रे,
थे हो दिन दुखी का नाथ,
थे हो दिन दुखी का नाथ,
बालाजी कद आवोला,
थाने सुमरा मै दिन रात,
बालाजी कद आवोला।।



सगळा की सुणी थे,

‘लख्खा’ की कद सुनस्यो,
‘लख्खा’ की कद सुनस्यो,
बावरे ‘सरल’ से,
कसूर होयो कोण सो,
कसूर होयो कोण सो,
थासु करणी रे दो बात,
थासु करणी रे दो बात,
बालाजी कद आवोला,
थाने सुमरा मै दिन रात,
बालाजी कद आवोला।।



थाने सुमरा मैं दिन रात,

बालाजी कद आवोला,
कद आवोला, कद आवोला,
कदे आकर दर्श दिखावोला,
थाने सुमरा मै दिन रात,
बालाजी कद आवोला।।


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