सुनी है गोकुल नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
श्लोक
बन बन की बणो,
वृन्दावन माणिक बनो,
भँवर करे गुंजार,
दुल्हन प्यारी श्री राधिका,
दूल्हा नवल कुमार।
सुनी है गोकुल नगरिया,
आजा आजा साँवरिया,
आजा आजा साँवरिया,
सुनी है गोकुळ नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
बरसाने में रसिक बुलाये,
ग्वाल बाल सब जुल मिल आये,
सखियाँ देखे डगरिया,
आजा आजा साँवरिया,
सुनी है गोकुळ नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
ऐसी प्रीत लगी मन मोहन,
तेरे बिन सखी हो गई जोगन,
ढूंढे नगर और नगरिया,
आजा आजा साँवरिया,
सुनी है गोकुळ नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
वृन्दावन के तुम हो राजा,
भक्तो को अब दरश दिखा जा,
आके बजा जा मुरलिया,
आजा आजा साँवरिया,
सुनी है गोकुळ नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
ब्रज नगरी की सब नर नारी,
देखे “तिवारी” रस्ता तिहारी,
तुझको ढूंढे गुजरिया,
आजा आजा साँवरिया,
सुनी है गोकुळ नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
सुनी है गोकुळ नगरिया,
आजा आजा साँवरिया,
आजा आजा साँवरिया,
सुनी है गोकुल नगरिया,
आजा आजा साँवरिया।।
Good good bhajan