सिर पे पगड़ी बांधे,
बाबोसा चूरूवाला,
लागे दूज का चाँद ये देखो,
माँ छगनी का प्यारा।।
कानों में कुंडल साजे,
हाथ में घोटा विराजे,
तन केशरिया बागा,
गल मोतियन माला साजे,
सजधज करके बैठा,
है श्रंगार ये निराला,
लागे दूज का चाँद ये देखो,
माँ छगनी का प्यारा।।
तेरे मस्त गुलाबी गाल,
और है घुँघराले बाल,
तेरे मुख पर बरसे नूर,
और तेज से चमके भाल,
तेरे रूप में हमको दिखता,
है वो बजरंग बाला,
लागे दूज का चाँद ये देखो,
माँ छगनी का प्यारा।।
क्या गजब किया श्रंगार,
तूने ओ मेरे सरकार,
भक्तो के संग बाईसा,
तेरी नजर रही है उतार,
तेरा रूप बसा नयनों में,
कहे “दिलबर” नागदा वाला,
लागे दूज का चाँद ये देखो,
माँ छगनी का प्यारा।।
सिर पे पगड़ी बांधे,
बाबोसा चूरूवाला,
लागे दूज का चाँद ये देखो,
माँ छगनी का प्यारा।।
गायिका – सम्यता बेनर्जी मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365