शिवजी रम रया रे पहाड़न में गवरा पार्वती के संग लिरिक्स

शिवजी रम रया रे पहाड़न में गवरा पार्वती के संग लिरिक्स
राजस्थानी भजन

शिवजी रम रया रे पहाड़न में,
गवरा पार्वती के संग।

दोहा – शिव समान दाता नहीं,
विपत्ति विदारण हार,
लज्जा म्हारी राखियो,
शिव नंदी के असवार।
तेजेश्वर परमेश्वर है,
जिनका रूप प्रचंड,
सब देवा रा देव है,
ए शिव सिरमौर अखण्ड।



शिवजी रम रया रे पहाड़न में,

गवरा पार्वती के संग,
पार्वती रे संग,
सदाशिव महाराणी के संग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



गोरे गोरे तन पर भस्मी बिराजे,

जटा जूट में गंग,
बिल की पत्तियां प्यारी लागे,
चढ़े हैं चन्दन रंग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



सेर सेर खा गयो खारी तम्बाकू,

सेर भर पी गयो भंग,
माथे में चंद्रमा बिराजे,
भस्मी रमा ली अंग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



कालो नाग थोरे गले बिराजे,

जटा में तोहरे गंग,
आक धतूरा भोग लगे हैं,
रहे नशे में धंग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



ढोलक बाजे नगाड़ा बाजे,

और बाजे मृदंग,
भोले नाथ का डमरू बाजे,
महाराणी के संग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



कोरा कोरा कलश मंगाया,

ज्यामे घोळी रंग,
भर पिचकारी मारी गवरादे,
जद उतरगी भंग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



भगत मण्डल शरणे में थारे,

लगाजो भगति रो रंग,
बेड़ी म्हारी पार उतारो,
मन में घणी उमंग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।



शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,

गवरा पार्वती के संग,
पार्वती रे संग,
सदाशिव महाराणी के संग,
शिवजी रम रया रे पहाड़न मे,
गवरा पार्वती के संग।।

गायक – सांवर मल जी कत्थक।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


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