रे अंजना के हनुमान फेर तेरा कद सी आणा रे

रे अंजना के हनुमान फेर तेरा कद सी आणा रे
हरियाणवी भजन

रे अंजना के हनुमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे,
फेर तेरा कद सी आणा रे,
फेर तेरा कद सी आणा रे,
रे अंजना के हनूमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे।।



रावण बाबा बण क आया,

रावण बाबा बण क आया,
आ कुटिया मे अलख जगाया,
रे यो स ब्रहामण का जाया,
करले भैस बराणा रे,
रे अंजना के हनूमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे।।



ऐसा आया हवा का झोका,

ऐसा आया हवा का झोका,
रावण पापी दे गया धोखा,
रावण पापी दे गया धोखा,
रे मेरा छोटा देवर नादान,
साथ लक्ष्मण को लयाणा रे,
रे अंजना के हनूमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे।।



कह दिए उस राम न जाके,

कह दिए उस राम न जाके,
रावण राखे स धमका क,
रावण राखे स धमका क,
रे मेरी लिकड़ी जा स जान,
पड़े स टेम बिताणा रे,
रे अंजना के हनूमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे।।



जिस प मेहर फिरै स तेरी,

जिस प मेहर फिरै स तेरी,
हो सिद्ध काम लगे ना देरी,
हो सिद्ध काम लगे ना देरी,
हे लिया मस्तनाथ प ज्ञान,
पड़ः लय सुर मे गाणा रे,
रे अंजना के हनूमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे।।



रे अंजना के हनुमान,

फेर तेरा कद सी आणा रे,
फेर तेरा कद सी आणा रे,
फेर तेरा कद सी आणा रे,
रे अंजना के हनूमान,
फेर तेरा कद सी आणा रे।।

स्वर – नरेंद्र कौशिक।
भजन प्रेषक,
राकेश कुमार
9992976579


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