चक्कर चाल रियो ढा़लिया में प्रजापत ब्रह्मा जी दरबार
चक्कर चाल रियो ढा़लिया में, दोहा - ब्रह्मा जी ने चाक चलाई, अपनी झौपड़ माय, माया का ये जीव घड़े, ...
Read moreDetailsचक्कर चाल रियो ढा़लिया में, दोहा - ब्रह्मा जी ने चाक चलाई, अपनी झौपड़ माय, माया का ये जीव घड़े, ...
Read moreDetailsदुश्मन मत बणरे, दोहा - धन दौलत का मद मानवी, दिखे बड़ा ही कठोर, दस दोष से भरा हुआ है, ...
Read moreDetailsखेल रचावियो रे दाता, कुम्भकारी बण जाय, कुम्भकारी बण जाय दाता, कुम्भकारी बण जाय।। माटी रो मटकों महल बणायो, ब्रह्मा ...
Read moreDetailsमेरी बिगड़ी तो, मेरा बाबा ही बनाएगा, पूरा है भरोसा मुझे, लाज वो बचाएगा, गले से लगाएगा, मेरी बिगड़ी तों, ...
Read moreDetailsजीवन की नैया को, मेरे श्याम चलाते है, गम की हर आंधी को, मेरे श्याम मिटाते है, जीवन की नईया ...
Read moreDetailsरघुवर जी थारी सूरत, प्यारी लागे म्हारा राम, उमराव बन्ना सूरत प्यारी, लागे मोरा श्याम।bd। शीश किलंगी पागड़ी, रत्न जड़ित ...
Read moreDetailsहे दुर्गे माँ भगवती, दोहा - मेरा कोई और नहीं है, आया दरबार हूँ मैं, सहारा दीजिये मैया, की अब ...
Read moreDetailsलड्डू गोपाला यशोदा का लाला, दोहा - चंचल चतुर बड़ा ही कोमल, मनहर रूप रसाल, 'मधुप' मात यशोदा का ये, ...
Read moreDetailsजब से देखी सूरत, मैंने महाकाल की, दुनिया बदल ही गयी, दुनिया बदल ही गयी।। उज्जैन की धरती पे, बसे ...
Read moreDetailsकर ले कबूल, एक विनती मेरी, श्याम अपने चरणों में, दे दे नौकरी, यही पहली इच्छा है, यही आखरी, श्याम ...
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