नखराला छोगाला,
चतुर्भुज चारभुजा।।
भगता रे हित आप प्रभुजी,
नाना रूप धराया,
कठे साँवरा मुरलीधर,
कठे चारभुजा कहलाया,
संता रा रखवाला,
चतुर्भुज चारभुजा।।
मंशा श्याम का दर्शन करवा से,
मन की मनसा पुरे,
भगता रा अटक्या काम ने,
पल में कर देवे पूरे,
चलो दर्शन ने चाला,
चतुर्भुज चारभुजा।।
अरे कोटड़ी का श्याम आपकी,
महिमा है जोरा की,
देख्या ही बन आवे रंगीला,
छबीला की झांकी,
धन धन मुरलीवाला,
चतुर्भुज चारभुजा।।
कोठाज श्याम को ठाठ गाँव में,
लीला है न्यारी,
भीड़ पड़े है भारी गणा,
कई आवे नर नारी,
मतवाला दुख हरता,
चतुर्भुज चारभुजा।।
मोटो मंदिर ऊंची पेडया,
सिंगोली रा श्याम,
पाको परचो है धणिया को,
सारे सगळा काम,
ओ कर देवे मालममाल,
चतुर्भुज चारभुजा।।
चार खूट चौताले आवा,
चारभुजा गढ़मोर,
गोकुल शर्मा गावे लिखदे,
नारायण ओर,
घट घट में रेबा वाला,
चतुर्भुज चारभुजा।।
नखराला छोगाला,
चतुर्भुज चारभुजा।।
गायक – गोकुल जी शर्मा।
प्रेषक – किशन धाकड़।
8118823912