म्हारा सुवा बीरा रे बाबुल म्हारो साधु होग्यो रे लिरिक्स

म्हारा सुवा बीरा रे बाबुल म्हारो साधु होग्यो रे लिरिक्स
राजस्थानी भजन

म्हारा सुवा बीरा रे,
छोटी की मरगी माई,
बाबुल म्हारो साधु होग्यो रे,
बाबुल म्हारो जोगी होग्यो रे।।



म्हारा सुवा रे बैठ्यो र,

आमुल्या री ढाल,
बोली तो म्हाने प्यारी लागे रे,
बोली तो म्हाने मीठी लागे रे।।



म्हारा सुवा रे कोण,

बन्धावे म्हाने धीर,
मायरो म्हारे कुण तो लासी रे,
चुनड म्हाने कुण उडासी रे।।



म्हारा सुवा बीरा रें,

खडी सरवरया री पाल,
सरवरिया मे ढूब मरूला,
सागर मे ढूब मरूला रे।।



नानी बाई रे हिवडा मे धीरज धार,

सावरियो बीरो आबा वालो रे,
नन्दलालो बीरो आबा वालो रे।।



म्हारा सुवा बीरा रें,

सासुजी बोले म्हाने बोल,
नणदुली म्हाने गाल्या खाडे रे,
नाराणयो देवर मोसा बोले रे।।



नानी बाई रे राधा रूकमण लार,

मायरो थारे वोही लासी रे,
चुनड थने वोही उढासी रे।।



म्हारा सुवा बीरा रे,

छोटी की मरगी माई,
बाबुल म्हारो साधु होग्यो रे,
बाबुल म्हारो जोगी होग्यो रे।।

प्रेषक – रमेश प्रजापत टोंक।


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