मना भाई माया माण मजा ले,
माया माण गणा नर तरिया,
करोड़ा में साख भराले।।
खेती भाले वो फल पाले,
पाती तीन पड़ाले,
खुद के खाबा ने हरि के लेखें,
सिर को सिर चुकाले।।
कामण माया आंगण सोवे,
दया धर्म कराले,
आया संत की करो बंदगी,
भोजन भाव कराले।।
कंचन माया हित कर भाया,
दान पुन कराले,
हिया मे सिर सवाई,
आवे खर्ची आगे की बणाले।।
माया माण हुआ परवाना,
अजपा जाप जपा ले,
कहे दोला राम प्रताप गुरा को,
संता की साख भराले।।
मना भाई माया माण मजा ले,
माया माण गणा नर तरिया,
करोड़ा में साख भराले।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूंगरी। 8947915979