मैं जीत नही मांगू मुझे हार दे देना भजन लिरिक्स

मैं जीत नही मांगू मुझे हार दे देना भजन लिरिक्स
कृष्ण भजन

मैं जीत नही मांगू,
मुझे हार दे देना,
क्या करूँ किनारे का,
मजधार दे देना।।



अक्सर देखा मैंने,

जब तूफां आता है,
तेरे सेवक का बाबा,
मनवा घबराता है,
रो रो कर कहता है,
मुझे पार कर देना,
क्या करूँ किनारे का,
मजधार दे देना।।



मजधार में हो बेटा,

तू देख ना पाता है,
लेके हाथों में हाथ,
उसे पार लगाता है,
तेरा काम है हारी हुई,
बाजी को बदल देना,
क्या करूँ किनारे का,
मजधार दे देना।।



नैया को किनारे कर,

उसे छोड़ जाता तू,
रहता वो किनारे पे,
वापस नही आता तू,
मस्ती में वो रहता,
फिर क्या लेना देना,
क्या करूँ किनारे का,
मजधार दे देना।।



मझदार में हम दोनों,

एक साथ साथ होंगे,
कहता है ‘श्याम’ तेरा,
हाथों में हाथ होंगे,
ना किनारे हो नैया,
मुझको वो दर देना,
क्या करूँ किनारे का,
मजधार दे देना।।



मैं जीत नही मांगू,

मुझे हार दे देना,
क्या करूँ किनारे का,
मजधार दे देना।।

Singer – Krishna Priya Ji


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