ऐ म्हारी सेना रा ही सिरदार,
ऐ म्हारी फौजा रा ही उमराव,
ऐ लक्ष्मण भैया,
बोलजा एक बार।।
हे पिता रे वचन से निसरिया रे,
हे गुरु रे तणा उपदेश हे,
हो अवधपुरी रा ही राजवी रे,
अवधपुरी रा ही रे हां,
आय गया परदेश हो हो,
आय गया परदेश,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
हे घर सु निकलिया जद,
तीन जणा रे रयो अकेलो आज हे,
हे मात कौशल्या पूछसी वो,
मात कौशल्या रे पूछसी रे,
कहीं देवुला जवाब मैं तो,
हे कोई रे देवूला जवाब,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
अजुवन हनुमत आवियो रे,
गोणा गदा दो रणबीर हे,
हे आज परायो जाणता रे,
हे आज परायो रे,
हे जाणता रे दुखे जका रे पीड,
भाई दुखे जका रे पीड,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
ऐ एकली लकड़ी,
नहि जले रे भाई,
अरे नहि रे उजवालो होय हे,
हे भाई लक्ष्मण ने मारतो रे,
भाई लक्ष्मण ने रे,
हे मारतो रे,
राम अकेलो होय रामा,
राम अकेलो होय,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
हे रावण जाईजो,
लंका जाईजो रे,
हे जाईजो रावणिया,
थारो राज हे,
हे आन्धा वाली लाकडी वो,
आन्धा वाली रे,
हे लाकडी रे,
चिटक पड़ी है आय,
भाई चिटक पड़ी है आय,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
हे मैं तने सूरज पुजसू रे,
हे भर मोतिया रो थाल,
ओ घड़ी एक मोड़ों उगसे रे,
घड़ी एक मोड़ों रे हे,
ओ उगसे रे,
लक्ष्मण होवे हुसियार रामा,
लक्ष्मण होवै हुसियार,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
हे ईतरे तो हनुमत आवियो रे,
हे ली रे सन्जीवन क्षीर,
हे तुलसीदास जी री विनती ओ,
तुलसीदास जी री रे हे,
ओ विनती वो,
उठ मिले दोनों बीर भैया,
उठ मिले दोनों बीर,
अरे छोटे भैया,
बोलजा एक बार।।
ऐ म्हारी सेना रा ही सिरदार,
ऐ म्हारी फौजा रा ही उमराव,
ऐ लक्ष्मण भैया,
बोलजा एक बार।।
स्वर – श्याम वैष्णव।
प्रेषक – कुलदीप सिंह राजपुरोहित।
9468586253








