लग रही प्यास राम रस पिया देसी भजन लिरिक्स

लग रही प्यास राम रस पिया देसी भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

लग रही प्यास राम रस पिया,
वे भगवान भले भजिया,
जागा भाग नाम ज्योरा जोनिया,
वे हँसला निर्वाण हुआ,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



गोपीचन्द भरतरी भजिया,

तजिया राज निर्वाण हुआ,
अमर छाप ज्योरे सतगुरू दिनी,
चार जुगा में अमर हुआ,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



पापी पिता उपजिया पारश,

पुत्र हुआ प्रहलाद जैसा,
वेर राखियो सारा शहर में,
संत हुआ जद कमल हंसया,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



मान गुमान मेट कर मीरा,

हरी कारण परिवार तजिया,
रोणे जहर रा प्याला भेजिया,
निजभज राखी राम लजिया,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



संतो री संग में रमिया रूपादे,

सत मार्ग सिणगार सजया,
हाथ खड्ग रावल माल कोपिया,
थाली मे वाग अखंड लग्या,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



निर्मल भक्ति कबीरसा कमाई,

निर्गुण तीर शरीर लगा,
आया संतो ने तनमन देना,
वो ही दिवला अखण्ड जगा,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



झरणा झालो ममता ने मारो,

मायला में राखो धिरप धजा,
खीमजी रे शरणे भणे माली लिखमो,
अनुभव हुआ जद आया मजा,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।



लग रही प्यास राम रस पिया,

वे भगवान भले भजिया,
जागा भाग नाम ज्योरा जोनिया,
वे हँसला निर्वाण हुआ,
लग रहीं प्यास राम रस पिया ऐ हा।।

प्रेषक – पुखराज पटेल
9784417723


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