करुणा भरी नजर से,
निहारो लाडली,
अपना तो कहके मुझको,
पुकारो लाडली।।
बृज की निकुंज जैसा,
मेरा हृदय सजा दो ना,
उस कुंज में निरंतर,
विहारो लाडली,
करुँणा भरी नजर से,
निहारो लाडली,
अपना तो कहके मुझको,
पुकारो लाडली।।
कोई नहीं हमारा,
तेरा नाम धाम प्यारा,
श्यामा को तेरे नाम का,
सहारा लाडली,
करुँणा भरी नजर से,
निहारो लाडली,
अपना तो कहके मुझको,
पुकारो लाडली।।
करुणा भरी नजर से,
निहारो लाडली,
अपना तो कहके मुझको,
पुकारो लाडली।।
स्वर – श्यामा किशोरी।
8708391296
🛑यह भजन श्री घनश्याम जी का है किसी और के भजन में अपना नाम डालकर क्या मिल जाता है आप जैसे गिरी हुई मानसिकता के लोगो को l श्रीजी आपको कभी माफ नहीं करेंगी
हमारी विनती है यह पोस्ट डिलीट करें 🙏
हमारे विचार केवल ये भजन ही नहीं अपितु समस्त संसार ही श्री जी का है। है ना? जब कोई नविन गायक अपनी प्रतिभा को दिखाना चाहता है तो क्यों उसे दबाया जाता है ये समझ नहीं आता। राधे राधे।