कियाँ भुलगी विधाता लिखना भजन लिरिक्स

कियाँ भुलगी विधाता लिखना भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

कियाँ भुलगी विधाता लिखना,
कियां भुलगी विधाता लिखना,
लिखना लिखना लिखना,
लिखना लिखना लिखना,
कियां भुलगी विधाता लिखना।।



सोना म तू सुगन्ध भूल गयी,

सोना म तू सुगन्ध भूल गयी,
किस्तूरी म रंगना,
कियां भुलगी विधाता लिखना।।



बड़ पीपल क फूल भूल गयी,

बड़ पीपल क फूल भूल गयी,
नागर बेल क फल ना,
कियां भुलगी विधाता लिखना।।



चातरक नार पुत्र बिना तरसे,

चातरक नार पुत्र बिना तरसे,
फूड़ ख़िलाव ललना,
कियाँ भुलगी विधाता लिखना,

कियाँ भुलगी विधाता लिखना।।



सूरा क मैया ख़िरज्यो भूल गयी,

सूरा क मैया ख़िरज्यो भूल गयी,
दातारा क धन ना,
कियां भुलगी विधाता लिखना।।



हाथ्या क तू धीणो भूल गयी,

हाथ्या क तू धीणो भूल गयी,
जंगल कर दिया बसना,
कियां भुलगी विधाता लिखना।।



चंद्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,

चंद्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
हरि चरनन चित घरना,
कियां भुलगी विधाता लिखना।।



आ म्हारो देदयो जी चिर मुरारी,

आ म्हारो देदयो जी चिर मुरारी,
देदयो जी चिर मुरारी,
देदयो जी चिर मुरारी,
लेकर चिर कदम्ब पर चढ़ गया,
लेकर चिर कदम्ब पर चढ़ गया,
हम जल बीच उघारी,
म्हाको देदयो जी चिर मुरारी।।



थाको चिर राधे थायी न देस्या,

थाको चिर राधे थायी न देस्या,
हो जाओ जल से न्यारी,
म्हाको देदयो जी चिर मुरारी।।



जल से बाहर किस बिध होवा,

जल से बाहर किस बिध होवा,
आप पुरुष हम नारी,
म्हारो देदयो जी चिर मुरारी,
आप पुरुष हम नारी,
म्हाको देदयो जी चिर मुरारी।।



चंद्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,

चंद्र सखी भज बाल कृष्ण छवि,
तुम जीते हम हारी,
म्हाको देदयो जी चिर मुरारी।।



जल कैसे भरु ए मेरी बहना,

जल कैसे भरु ए मेरी बहना,
श्याम बजावत हैं रस बेना,
श्याम बजावत हैं रस बेना।।



लेकर गागर सागर पर चली,

मिल गये श्याम सलोना,
लेकर गागर सागर पर चली,
मिल गये श्याम सलोना,
यमुना की इरा तीरा धेनु चराव,
यमुना की इरा तीरा धेनु चराव,
वाइस लगी म्हारी नैना,
श्याम बजावत हैं रस बेना,
जल कैसे भरु ए मेरी बहना,
श्याम बजावत हैं रस बेना।।



ईलड़ी दुलड़ी ओर पचलड़ी,

बाजूबंद नगीना,
कूच की डोर जब बिगसन लागी,
छुटे अंग पसीना,
श्याम बजावत हैं रस बेना,
जल कैसे भरु ए मेरी बहना,
श्याम बजावत हैं रस बेना।।



आज बजी कुछ काल बजी थी,

बाज रही आदि रैना,
सुर श्याम गोपियन के आगे,
सुर श्याम गोपियन के आगे,
बाजे करकर चैना,
श्याम बजावत हैं रस बेना,
जल कैसे भरु ए मेरी बहना,
श्याम बजावत हैं रस बेना।।

गायक – श्री अमरचन्द सोनी।
प्रेषक – विशाल सोनी
9928125586


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