काई लायो रे,
ले ज्यागो रे।
दोहा – जग में आया पावणा,
भाई दो दिन का मेहमान,
पल्ले पड़े सो बाँध ले,
भाई बड़ो हरि को नाम।
बीरा कुण की बाँधे,
छ गहरी गाठ,
काई लायो रे,
ले ज्यागो रे,
कुण की बांध छ,
गहरी पाल रे।।
हे म्हारा बीरा कोड़े जायो रे,
कोड़े ऊबन्यो,
हा जी थारा कुण ने लडाया,
कुण ने लडाया लाड रे।।
हे म्हारा बीरा माता को,
जायो पिता को ऊबन्यो,
हा जी म्हारा बहना ने लडाया रे,
बहना ने लडाया म्हारा लाड़ रे।।
हे म्हारा बीरा नाव पुरानी,
खेवठ चोधारा,
हा जी किन विध उतरेगा पार रे,
किन विध उतरेगा भव से पार रे।।
हे म्हारा बीरा केवट बना ले,
सतगुरु देव ने,
हा जी वो करेगा पार रे,
वही तो लगा वे बेड़ा पार रे।।
हे बीरा बोल्या छ कबीरा,
धर्मीदास रे,
हा जी भजना सो हो ज्यावेगी पार रे,
भजना सु लागे बेड़ा पार रे।।
बीरा कुण की बाँधे,
छ गहरी गाठ,
काई लायो रे,
ले ज्यागो रे,
कुण की बांध छ,
गहरी पाल रे।।
गायक – राजकिरण योगी।
गांव – उखलाना (टोंक)
मो. 8875084743