जाओ माया पापणी सायब ने रटवा दे भजन लिरिक्स

जाओ माया पापणी सायब ने रटवा दे भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

जाओ माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।

दोहा – कि माया ऐसी पापणी,
और फंद ले बैठी हाट,
ज्यौ त्यौ फंद ने फान्दिया,
तौ गया कबीरा काट।

जाओ माया पापणी,
सायब ने रटवा दे,
ऐ सायब ने रटवा दे,
माने सुमिरण करवा दे,
माने सुमिरण करवा दे,
थे जावो माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।।



चौरासी मे फिरे भटकती,

मन नही लगवा दे,
ऐ माथे धरी पाप की मटकी,
बाने आगे फुटवा दे,
बाने आगे फुटवा दे,
थे जावो माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।।



अरे संत नाम कि ज्योत जली,

माने दर्शन करवा दे,
ऐ अमर पटाय उनका हाथ मे,
माने नाम लिखावा दे,
माने नाम लिखावा दे,
थे जावो माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।।



निरध्य नाम का बन्या नगाडा,

माने बजावा दे,
ऐ आवा गमन से दुर हटाके,
माने मुक्ति पावा दे,
माने मुक्ति पावा दे,
थे जावो माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।।



संत नाम का खोल्या द्वारा,

माने बजावा दे,
ए कहे कबीर सुनो भाई संतो,
माने जनम छुडावा दे,
माने मुक्ति पावा दे,
थे जावो माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।।



जाओ माया पापणी,

सायब ने रटवा दे,
ऐ सायब ने रटवा दे,
माने सुमिरण करवा दे,
माने सुमिरण करवा दे,
थे जावो माया पापणी,
सायब ने रटवा दे।।

Upload By – Shubham Lohar
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