जन्म लियो जाने मरणो पड़सी मौत नगारो सिर फूटे ओ

जन्म लियो जाने मरणो पड़सी मौत नगारो सिर फूटे ओ
राजस्थानी भजन

जन्म लियो जाने मरणो पड़सी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ,
लाख उपाय करों मन कितना,
बिना रे भजन नहीं छूटेओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।



यम राजा को आयो जुलनो,

प्राण पलक माही छूटे ओ,
हिचकी हाल हचीड़ो चालो पछ,
नाड तडा तड़ टूटे ओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।



जीव ले जब जमडो चालें,

क्रोध कर कर फूटे ओ,
गुरजारी घमसान मचावे,
तुरन्त तालवो फूटो ओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।



जीव लेजार नरक माई डालें,

कीड़ा कागला चुटे ओ,
बुगतलो जीव भजन बिना भाई म्हारा,
जमराजा जुग जुग फूटो ओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।



भाई बन्धु थारो कुटम कबीलों,

राम जी रूटया सब रूटे ओ,
कर्मा रा खोटा है बन्दधन,
राम भजन से छूटे ओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।



राम भजन कर सुकृत कर ले,

भंवरा बंधन छूटे ओ,
कहत कबीर सुख चावे जीव को,
राम नाम धन लूटे ओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।



जन्म लियो जाने मरणो पड़सी,

मौत नगारो सिर फूटे ओ,
लाख उपाय करों मन कितना,
बिना रे भजन नहीं छूटेओ,
जन्म लियो जाने मरणो पडसी,
मौत नगारो सिर फूटे ओ।।

गायक – चंपालाल करीर।
प्रेषक – सुभाष सारस्वत काकड़ा।
9024909170


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