जगदम्बा थे तो,
आकर ओढ़ो ऐ,
हे म्हारी मात भवानी,
आकर ओढ़ो ऐ,
थारा सेवक ल्याया,
तारा री चुनड़ी,
थारा बालक ल्याया,
तारा री चुनड़ी।।
तर्ज – बाईसा रा बीरा।
सुहागण मिल चाव से बांधी ऐ,
मनड़े री पेटी में या आई चुनड़ी,
जगदंबा थे तो,
आकर ओढ़ो ऐ,
थारा सेवक ल्याया,
तारा री चुनड़ी।।
चुनड़ी का तारा चम चम चमके ऐ,
मने प्यारी लागे माँ या थारी चुनड़ी,
जगदंबा थे तो,
आकर ओढ़ो ऐ,
थारा सेवक ल्याया,
तारा री चुनड़ी।।
थारा सेवक गावे चुनड़ी उड़ावे ऐ,
थे आकर ओढ़ो माँ तारा री चुनड़ी,
जगदंबा थे तो,
आकर ओढ़ो ऐ,
थारा सेवक ल्याया,
तारा री चुनड़ी।।
जगदम्बा थे तो,
आकर ओढ़ो ऐ,
हे म्हारी मात भवानी,
आकर ओढ़ो ऐ,
थारा सेवक ल्याया,
तारा री चुनड़ी,
थारा बालक ल्याया,
तारा री चुनड़ी।।
Singer – Surbhi Chaturvedi