होरी खेलन आयो श्याम,
दोहा – लाल के कपोलन पे,
मलूँगी गुलाल लाल,
लाल लाल बिंदी,
या के भाल पे लगाउंगी,
लाल लाल लहंगा,
अरु लाल लाल अंगिया,
लाल लाल चुंदड़ी,
या के शीश ओढ़ाउंगी।
लाल नन्द लाल को,
गहरूंगी सखी फागण में,
लाल नन्द लाल को,
आज लाल कर डारूंगी।
होरी खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री,
रंग में बोरो री,
आज याहे रंग में बोरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री।।
कोरे कोरे कलश मँगाओ,
यामे केसर घोरो री,
मुख ते मलो गुलाल,
करो कारे से गोरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री।।
पार पड़ौसन लेओ बुलाय,
आँगन में घेरो री,
पीताम्बर लेओ छीन,
याहे पहनाय दो लहँगो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री।।
हरे बाँस की बाँसुरिया,
जाहे तोड़ मरोड़ो री ,
तारी दे दे याहि नचावो,
अपनी ओरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री।।
चन्द्रसखी की यही विनती,
करे निहोरो री ,
हा हा खाय पड़े जब पैया,
तब याहे छोरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहि रंग में बोरो री
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री।।
होरी खेलन आयों श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री,
रंग में बोरो री,
आज याहे रंग में बोरो री,
होली खेलन आयो श्याम,
आज याहे रंग में बोरो री।।
Singer – Dhanvantri Das Ji Maharaj