बड़ा नटखट है,
माँ तेरा नंद किशोर,
होरी खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।bd।
तर्ज – सावन का महीना।
ओढ़ के आई कान्हा,
नयी रे चुनरिया,
भर पिचकारी मेरे,
मारो ना सांवरिया,
भर पिचकारी मारी,
और कर दीनी सराबोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।bd।
उड़त गुलाल श्याम,
लाल भए बदरा,
राधा की आंखन को,
बिगड़ो है कजरा,
ननंद दे तानो,
घर सास करे सोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।bd।
गैल हमारी,
रोके ना मुरारी,
भर पिचकारी मेरी,
चुनरी पे मारी,
दधि बेचन को आई,
मोए घेर लई है भोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।bd।
ग्वाल बाल सब कोई,
खेलत होरी,
सखियों के मुख पर,
मल दई रोरी,
देख के ब्रज की होली,
घन सो मन उठी हिलोर,
होली खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।bd।
बड़ा नटखट है,
माँ तेरा नंद किशोर,
होरी खेले राधा संग,
ये नटखट नंद किशोर।bd।
Singer – Upasana Mehta