गुरुवर चरणों में दे दे ठिकाना मुझे भजन लिरिक्स

गुरुवर चरणों में दे दे ठिकाना मुझे भजन लिरिक्स
गुरुदेव भजनधीरज कांत भजन

गुरुवर चरणों में,
दे दे ठिकाना मुझे,
मैं भटकता हूँ,
राह दिखाना मुझे,
राह दिखाना मुझे,
गुरुवर चरणो में,
दे दे ठिकाना मुझे।।



मैं तो पूजा से,

जप तप से अंजान हूँ,
मतलबी लोग से,
मैं परेशान हूँ,
कितना भरमाया है,
ये जमाना मुझे,
गुरुवर चरणो में,
दे दे ठिकाना मुझे।।



तन कही और है,

मन कही और है,
सुख की चाहत की,
भारी यहाँ दौड़ है,
इस समंदर में,
अब ना बहाना मुझे,
गुरुवर चरणो में,
दे दे ठिकाना मुझे।।



ये है काजल का घर,

बच के कैसे रहूं,
अपनी आवाज़ दिल की,
मैं किससे कहूं,
इस मुसीबत से,
तू ही बचाना मुझे।
गुरुवर चरणो में,
दे दे ठिकाना मुझे।।



अब ‘फणी’ के हृदय से,

ना तू दूर है,
अब तेरा फ़ैसला,
मुझको मंजूर है,
तुझको भूलूँ वो दिन,
ना दिखना मुझे,
गुरुवर चरणो में,
दे दे ठिकाना मुझे।।



गुरुवर चरणों में,

दे दे ठिकाना मुझे,
मैं भटकता हूँ,
राह दिखाना मुझे,
राह दिखाना मुझे,
गुरुवर चरणो में,
दे दे ठिकाना मुझे।।

स्वर – धीरज कान्त जी।
रचना – श्री फणिभूषण जी चौधरी।


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