गुरुदेव भजन

गुरु नाम का मैं नशा चाहती हूँ गुरु भजन लिरिक्स

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गुरु नाम का मैं,
नशा चाहती हूँ,
विनय कर रही हूँ,
दया चाहती हूँ,
गुरु नाम का मै।।

तर्ज – तेरे प्यार का आसरा।



प्रभू नाम का जाम,

मुझे भी पिला दो,
जो देखा न कभी भी वो,
जलवा दिखावों,
लगी है तलब जो,
उसे तुम बुझा दो,
शरण में तुम्हारी,
जगह चाहती हूँ,
विनय कर रही हूँ,
दया चाहती हूँ,
गुरु नाम का मै।।



मिट जाए हस्ति,

छा जाए मस्ती,
बन्दों को अपने,
जो तुमने बख़्शी,
रहमत पे तेरी,
टिकी मेरी कश्ती,
वही तो निगाहें,
करम चाहती हूँ,
विनय कर रही हूँ,
दया चाहती हूँ,
गुरु नाम का मै।।



चरणों का ‘शिव’ को,

दीवाना बनावो,
अपनी शमां का,
परवाना बनालो,
मै अपने आप को,
भूलना चाहती हूँ,
विनय कर रही हूँ,
दया चाहती हूँ,
गुरु नाम का मै।।



गुरु नाम का मैं,

नशा चाहती हूँ,
विनय कर रही हूँ,
दया चाहती हूँ,
गुरु नाम का मै।।

स्वर – साध्वी ममता दीदी।
लेखक / प्रेषक – शिवनारायण वर्मा।
8818932923


https://youtu.be/nyO_Zj0-LOw

Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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