गुरु के वचन को मान मेरा भवरा त्याग जगत का लटका

गुरु के वचन को मान मेरा भवरा,
अरे हट जाय जम का खटका मनवा,
त्याग जगत का लटका ए हा।।



ममता मार धार धर समता,

परदा हटा रे घट का ए हा,
अरे ममता मार धार धर समता,
परदा हटा रे घट का ए हा,
विर हिमेश नाय तुरंत ही,
विर हिमेश नाय तुरंत ही,
रूप त्याग दे तटका रे मनवा,
त्याग जगत का लटका,
त्याग जगत का लटका ए हा,
गुरु कें वचन को मान मेरा भवरा,
अरे हट जाय जम का खटका मनवा,
त्याग जगत का लटका ए हा।।



तज अभिमान भजन कर हरी का,

मिट जाय जमका फटका ए हा,
अरे तज अभिमान भजन कर हरी का,
मिट जाय जमका फटका ए हा,
अरे मन को मार सुधार वचन को,
अरे मन को सुधार वचन को,
इन्द्र दिखाजद जटका रे,
त्याग जगत का लटका,
त्याग जगत का लटका ए हा,
गुरु कें वचन को मान मेरा भवरा,
अरे हट जाय जम का खटका मनवा,
त्याग जगत का लटका ए हा।।



जबतक स्वास चले काया मे,

अरे पीव प्रेम का लटका ए हा,
अरे जबतक स्वास चले काया मे,
पीव प्रेम का लटका ए हा,
अरे मान बढाई त्याग करो नित,
अरे मान बढाई त्याग करो नित,
दास त्रिवेणी तटका,
मनवा त्याग जगत का लटका,
त्याग जगत का लटका ए हा,
गुरु कें वचन को मान मेरा भवरा,
अरे हट जाय जम का खटका मनवा,
त्याग जगत का लटका ए हा।।



भई निश्चय हो वासना छूटे,

अरे निश्चय होय वासना छूटे,
अरे भेद मिटे घट घट का ए हा,
अरे अमृत अपना रूप लिखे तब,
अरे अमृत अपना रूप लिखे तब,
अमृत ऐसा घटका,
भाईडा त्याग जगत का लटका,
त्याग जगत का लटका ए हा,
गुरु कें वचन को मान मेरा भवरा,
अरे हट जाय जम का खटका मनवा,
त्याग जगत का लटका ए हा।।



गुरु के वचन को मान मेरा भवरा,

अरे हट जाय जम का खटका मनवा,
त्याग जगत का लटका ए हा।।

गायक – शंकर जी टाक।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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