राजस्थानी भजन

गुरु बिन मिलियो ना ज्ञान भजन विना मुक्ति नही

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गुरु बिन मिलियो ना ज्ञान,

दोहा – सुर बिन मिले नहीं सुरस्ती,
और गुरु बिन मिले नहीं ज्ञान,
अन बिन हंसा उड़ चले,
तो जल बिन तज दे प्राण।

रंग मेल में हाल सुखमण सेजे वसी,
गुरु बिन मिलियो ना ज्ञान,
भजन विना मुक्ति नही रे।।



हुसकत हालियो ने जाय,

हाडोरी हाली हालजो मति,
अरे डग मग डोले थारो जीव,
हरी भक्ति जेलों मती रे।।



नही रे देवलिया मे देव,

जालर कुटो कर्जो मति,
धूप ज्योरो ऑगन जले रे,
वासना पनभकी।।



नही रे नेनो माय नूर,

आर्शी री गरज केसी,
हिवड़े हुआ प्रकाश,
भोंण भल उगो मति रेे।।



नही भजो मे जोर,

सुरों शंग चड़जो मति,
सूरा लड़े रन खेत,
कायर रो काम नथी रे।।



नही है सरवर नीर,

पाल बोधो कर्जो मति,
तप बिना मिलायो नही राज,
बोलिया गोरख जाती।।



रंग मेल में हाल सुखमण सेजे वसी,

गुरु बिन मिलयो ना ज्ञान,
भजन विना मुक्ति नही रे।।

– गायक एवं प्रेषक –
हाजाराम जी देवासी।
संपर्क – 8150000451


https://youtu.be/K–rvw0sFBo

Shekhar Mourya

Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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