दुनिया ये स्वारथ की कोई भी नहीं अपना है लिरिक्स

दुनिया ये स्वारथ की कोई भी नहीं अपना है लिरिक्स
फिल्मी तर्ज भजनविविध भजन

दुनिया ये स्वारथ की,
कोई भी नहीं अपना है,
भाई को भाई ना समझे,
समझे नहीं अपना है,
दुनिया यह स्वार्थ की,
कोई भी नहीं अपना है।।

तर्ज – इक प्यार का नगमा है।



पैसे बिन प्यार कहाँ,

पैसे बिना यार कहाँ,
पराया तो पराया है,
अपनों का विश्वास कहाँ,
बेढंग जगत का चलन,
अपनों में यहां है विघन,
गर जेब में है पैसा,
कहो हाल तो है कैसा,
दुनिया यह स्वार्थ की,
कोई भी नहीं अपना है।।



जिस माँ ने जन्म दिया,

और पिता ने पाला है,
हालात ये है कैसे,
उन्हें घर से निकाला है,
बीवी जब घर आए,
तो माँ बाप को भूले हैं,
माँ बाप के जीवन को,
करते वीराना है,
दुनिया यह स्वार्थ की,
कोई भी नहीं अपना है।।



दुनिया ये स्वारथ की,

कोई भी नहीं अपना है,
भाई को भाई ना समझे,
समझे नहीं अपना है,
दुनिया यह स्वार्थ की,
कोई भी नहीं अपना है।।

Singer – Brajesh saral kannauj
अलबेला ग्रुप कानपुर।
6392532703

ये भी देखें – इस ज़माने में कलेजा तक।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे