दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हाई भजन लिरिक्स

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हाई भजन लिरिक्स
राधा-मीराबाई भजन

दूर नगरी,
बड़ी दुर नगरी,
कैसे आऊं मैं कन्हाई,
तेरी गोकुल नगरी,
बड़ी दुर नगरी,
दुर नगरी,
बड़ी दुर नगरी।।



रात में आऊं कान्हा,

डर मोहे लागे,
दिन को आऊं तो देखे,
सारी नगरी,
दुर नगरी,
बड़ी दुर नगरी।।



सखी संग आऊं कान्हा,

लाज मोहे लागे,
अकेली आऊं तो भूल,
जाऊं डगरी,
दुर नगरी,
बड़ी दुर नगरी।।



धीरे चलूँ तो कान्हा,

कमर मोरी लचके,
जल्दी चलूँ तो,
छलकाए गगरी,
दुर नगरी,
बड़ी दुर नगरी।।



मीरा के प्रभु,

गिरधर नागर,
तुम्हरे दरश बिन,
मैं तो हो गई बावरी,
दुर नगरी,
बड़ी दुर नगरी।।



दुर नगरी,

बड़ी दूर नगरी,
कैसे आऊं मैं कन्हाई,
तेरी गोकुल नगरी,
बड़ी दुर नगरी,
दुर नगरी,
बड़ी दूर नगरी।।


5 thoughts on “दूर नगरी बड़ी दूर नगरी कैसे आऊं मैं कन्हाई भजन लिरिक्स

  1. Bahot se yese purane bhajn hai jo vilupt hote ja rahe hai to ho sake to unper thoda focus kare

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