क्यों अपनो पे तू इतराए जाएगा कोई सँग ना
क्यों अपनो पे तू इतराए, जाएगा कोई सँग ना, अब मान भी लो मनवा, मान भी लो, मान भी लो...
Read moreDetailsक्यों अपनो पे तू इतराए, जाएगा कोई सँग ना, अब मान भी लो मनवा, मान भी लो, मान भी लो...
Read moreDetailsश्रद्धा के सुमन, करने अर्पण, मै दर पे तुम्हारे आया हूँ, है हाथ तूम्हारे अब दाता, है हाथ तुम्हारे अब...
Read moreDetailsमुलताई में रहने वाली, मुलताई से बहने वाली, तू है ताप्ती माई, लाखों की बिगड़ी बनाई, तूने लाखों की बिगड़ी...
Read moreDetailsमन नाम जपो हरि नाम जपो, भव सागर से तर जाएँगे रे, मन नाम जपो हरि नाम जपो।। तर्ज -...
Read moreDetailsप्रभू तेरे अन्दर कही पे छुपा है, वो सब देखता है, वो सब देखता है, न हो यकीँ जिसको आकर...
Read moreDetailsप्रभू नाम का मैं नशा चाहता हूँ, विनय कर रहा हूँ दया चाहता हूँ।। तर्ज - तेरे प्यार का आसरा...
Read moreDetailsजीवन का क्या ठिकाना, करले जतन मेरे मनवा, एक रोज हमको जाना, जीवन का क्या ठिकाना।। तर्ज - मौसम है...
Read moreDetailsएक दिन सबको जाना होगा, लौट कभी ना आना होगा, जिसे समझता है अपना, बैगाना होगा, लौट कभी ना आना...
Read moreDetailsआज तेरी काया दुर्बल हो गई, जिंदगी का बोझ ढोते ढोते।। तर्ज - राम तेरी गंगा मैली। श्लोक - सुनो...
Read moreDetailsबेटीयां बोझ होती नहीं, याद आती हैं ये विदा होने के बाद, बेटे के मोह में ना भुलाना इन्हें, याद...
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