जहाँ जिनकी जटाओं में गंगा की बहती अविरल धारा लिरिक्स
जहाँ जिनकी जटाओं में गंगा की, बहती अविरल धारा, अभिनन्दन उन्हें हमारा, अभिनन्दन उन्हें हमारा, जिनके त्रिनेत्र ने कामदेव को,...
Read moreDetailsजहाँ जिनकी जटाओं में गंगा की, बहती अविरल धारा, अभिनन्दन उन्हें हमारा, अभिनन्दन उन्हें हमारा, जिनके त्रिनेत्र ने कामदेव को,...
Read moreDetailsओ भोले हम तो लुट गए, तेरे प्यार में। ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ॐ नमः...
Read moreDetailsभरोसा महाकाल का, आजकल जिक्र करता नहीं, मैं किसी से मेरे हाल का, क्योंकि अब मन में रखने लगा, मैं...
Read moreDetailsमेरी फरियाद सुन भोले, तेरे दर आया दीवाना, मन की मुरादें पूरी कर, सिवा तेरे ना कोई ठिकाना, मेरी फरियाद...
Read moreDetailsसिर पे ओ भोले अपने, चुनरिया डाल के, भोला से बन गए भोली, घुँघटा निकाल के।। bhola se ban gaye...
Read moreDetailsचंदा सिर पर है जिनके, कानो में कुण्डल चमके, सर्पो की माल गले में, गंगा है जटा में जिनके, ऐसे...
Read moreDetailsबस इतनी सी किरपा कर दो, मेरे उज्जैन के महाकाल, दे दो अपनी नोकरी, उज्जैन के महाकाल, तेरा उपकार होगा,...
Read moreDetailsसदा साफ़ रखना तू बन्दे, मन का शिवाला, ना जाने कब कर दे दया, श्रष्टि रचने वाला, सदा साफ़ रखना...
Read moreDetailsसारे जग में विराजे रे, मेरे शिव भोले, ज्योतिर्लिंग बनके साजे रे, मेरे शिव भोले, सारें जग में विराजे रे,...
Read moreDetailsगौरा ने घोट कर, पीस कर छान कर, शिव को भंगिया पिलाई, मजा आ गया, छोड़ कैलाश को, पहुंचे शमशान...
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