सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे भजन लिरिक्स
सीता राम जी प्यारी, राजधानी लागे, राजधानी लागे, मोहे मिठो मिठो, सरयू जी रो पानी लागे।। तर्ज - मीठे रस...
Read moreDetailsसीता राम जी प्यारी, राजधानी लागे, राजधानी लागे, मोहे मिठो मिठो, सरयू जी रो पानी लागे।। तर्ज - मीठे रस...
Read moreDetailsमेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव, मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में, तुम...
Read moreDetailsहे राम तुम्हारे चरणों में, जब प्यार किसी को हो जाए, दो चार जनों की बात तो क्या, संसार का...
Read moreDetailsमेरी रसना से प्रभु तेरा नाम निकले, हर घड़ी हर पल राम राम निकले।। मन मंदिर में ज्योत जगाउंगी, प्रभु...
Read moreDetailsसीताराम सीताराम सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये।। ज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के, महलों मे...
Read moreDetailsहे राजा राम तेरी आरती उतारूँ, आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ, अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ, हे राजा राम तेरी...
Read moreDetailsराम आरती होने लगी है, जग मग जग मग ज्योत जगी है, जग मग जग मग ज्योत जगी है।। गावे...
Read moreDetailsमैंने छोड़ा जगत जंजाल, राम गुण गाने लगा, राम नाम की धुन में बहकर, जीवन सफल बनाने लगा, मैने छोड़ा...
Read moreDetailsजरा देर ठहरो राम, तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के, देखा नहीं है।। कैसी घडी आज, जीवन की...
Read moreDetailsवन वन भटके राम, वन वन भटके राम।। चौपाई - आश्रम देखि जानकी हीना। भए बिकल जस प्राकृत दीना।।...
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