सन्तो देखों भजन री लहरी मैं तो सतगुरु शब्दों हेरी
सन्तो देखों भजन री लहरी, दोहा - अमर लोक से बिछड़िया हंसा, आय कर नगर बसाया, आया जका घर भूलगा,...
Read moreDetailsसन्तो देखों भजन री लहरी, दोहा - अमर लोक से बिछड़िया हंसा, आय कर नगर बसाया, आया जका घर भूलगा,...
Read moreDetailsआछी पाई ओ गुरूसा, म्हाने ज्ञान गुटकी, ज्ञान गुटकी ओ शब्दों री गुटकी, आच्छी पाई ओ गुरूसा, म्हाने ज्ञान गुटकी।।...
Read moreDetailsपहला क्यों नी करी रखवाली, थारो चिड़िया चुग गई खेत, चिड़िया चुग गई खेत, थारो चिड़िया चुग गई खेत, पहला...
Read moreDetailsमनवा कर भगति में सिर, बाण तज कुब्द्ध कमावण। दोहा - कण दिया सो पण दिया, किया भील का भूप,...
Read moreDetailsऐसा मेरा सतगुरू कहे समझाया, जागी सुरत मेहर सतगुरू कि, जब प्रीतम दरसाया, ऐसा मेरा सतगुरू कहें समझाया।। सतगुरू सेन...
Read moreDetailsआज सतगुरु अलख दरसे, दोहा - जाणा है पण रेणा नहीं, जाणा वसुआ वीसी, दो दिनों रे कारणे, भाई क्यों...
Read moreDetailsदुर्योधन रा मैवा तैयागया रे, वाले दुर्योधन रा मैवा तैयागया रे, खायो खायो विदुर घर साग, खायो खायो विदुर घर...
Read moreDetailsम्हारा खूब सज्या रे दीनानाथ, म्हारा मन मोह लिया, म्हारी तो राधिका भोरी भारी, म्हारी तो राधिका भोरी भारी, म्हारा...
Read moreDetailsराम सुमर रे प्राणिया, भूले रे मत भाई, सुमिरण बिना छूटे नहीं, जम द्वारे जाई, राम सूमर रे प्राणिया।। सब...
Read moreDetailsआज मेरे सतगुरु को घर लाऊँ, दोहा - साधन भोजन प्रीत से, और दीजे साधु बुलाय, जीवत जस ही जगत...
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