सतगुरु आप अलख अविनाशी देसी भजन लिरिक्स
सतगुरु आप अलख अविनाशी, दोहा - बड़े बड़ाई ना करे, बड़े ना बोले बोल, रहीमन हिरा कब कहे, लाख टका...
Read moreDetailsसतगुरु आप अलख अविनाशी, दोहा - बड़े बड़ाई ना करे, बड़े ना बोले बोल, रहीमन हिरा कब कहे, लाख टका...
Read moreDetailsधन धन भाग आज, सतगुरु आया। दोहा - पूरब भाग सतगुरु मिला, ज्ञान गंगा बहाय, विजया मुमक्षु जन नहावे, आवरण...
Read moreDetailsश्री जम्भेश्वर भगवान, जागण रो निवतो है, जी निवतो है, म्हारे चार भुजा रो नाथ, जागण रो निवतो है, जी...
Read moreDetailsसतगुरु अविगत भेद बताया, दोहा - नमो नमो गुरु देवजी, नमो नमो सब सन्त, जन दरिया वन्दन करे, नमो नमो...
Read moreDetailsमैं हूँ तेरा ऐसा भिखारी, पड़ा रहूं बस तेरे द्वार, और कहाँ मैं जाऊं सांवरे, कौन करेगा ऐसे प्यार, मै...
Read moreDetailsमनवा ले सतगुरु की शरण, तिरण रो अवसर आयो रे।। शुभ कर्मा से मनुष्य तन पायो, अजब सोच मन में...
Read moreDetailsसाधु भाई मन रो, केणो मत कीजे। दोहा - बन्धुव धिक जन्म, कही कुळ काम नहीं आवे, पुत्र धिक जन्म,...
Read moreDetailsसाधो भाई अवगत, लखियो ना जाई। दोहा - शब्दा मारिया मर गया, शब्दा छोड़या राज, जीण जिण शब्द विचारिया, ज्यारा...
Read moreDetailsऐसा देश दीवाना संतो, दोहा - शब्दा मारया मर गया, शब्दों छोड़या राज, जो नर शब्द विवेकिया, भाई उण रा...
Read moreDetailsप्यारी लागे ओ साँवरिया, थाकि मुकट मणि। दोहा - प्रीत लगाकर सांवरा, तू परदेसा मति जाय, में ल्याउ मांग कर,...
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