देवता भी स्वार्थी थे दौड़े अमृत के लिए भजन लिरिक्स
देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए, हम सदा उनको भजेंगे, जो जहर हंस के पिए, हम नमन उनको...
Read moreDetailsदेवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए, हम सदा उनको भजेंगे, जो जहर हंस के पिए, हम नमन उनको...
Read moreDetailsहे नाथ दयावानों के, सिरमौर बता दो, छोडूँ मैं भला आपको, किस तौर बता दो।। हाँ शर्त ये कर लो,...
Read moreDetailsक्या वह स्वभाव पहला, सरकार अब नहीं है, दीनों के वास्ते क्या, दरबार अब नहीं है।। या तो दयालु मेरी,...
Read moreDetailsमुझे दास बनाकर रख लेना, भगवान तू अपने चरणों में, भगवान तू अपने चरणों में, भगवान तू अपने चरणों में,...
Read moreDetailsमेरी झोली है खाली शेरावाली, तेरी महिमा निराली शेरावाली, तेरे दर पे आया हूँ मैं, तेरे दर पे आया हूँ...
Read moreDetailsजब जीवन दुख से घिर जाए, कोई बात समझ में ना आए, तुम करके भरोसा परम पिता का, राम शरण...
Read moreDetailsगुरुवर चरणों में, दे दे ठिकाना मुझे, मैं भटकता हूँ, राह दिखाना मुझे, राह दिखाना मुझे, गुरुवर चरणो में, दे...
Read moreDetailsराम आ गए, धन्य भाग्य शबरी हर्षाए।। तर्ज - लो आ गयी उनकी याद। आँखों में प्रेम आंसू, चरणों को...
Read moreDetailsरचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये श्रष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का...
Read moreDetailsगजानन प्रभु तुझको आना पड़ेगा, श्लोक - या देवी सर्वभूतेषु, विद्या रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः। ॐ अखण्डमण्डलाकारं,...
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