आरती असुर निकंदन की पवनसुत केसरी नंदन की
आरती असुर निकंदन की, पवनसुत केसरी नंदन की।। धुन - आरती कुंज बिहारी की। ज्ञान के सागर है हनुमंत, पड़े...
Read moreDetailsआरती असुर निकंदन की, पवनसुत केसरी नंदन की।। धुन - आरती कुंज बिहारी की। ज्ञान के सागर है हनुमंत, पड़े...
Read moreDetailsसंकट मोचन हनुमान अष्टक लिरिक्स, बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों। ताहि सों त्रास भयो जग...
Read moreDetailsमै आरती तेरी गाऊं, माँ उत्तरवाहिनी क्षिप्रा, उत्तरवाहिनी क्षिप्रा, माँ मोक्षदायिनी क्षिप्रा।। तर्ज - मैं आरती तेरी गाँउ ओ केशव।...
Read moreDetailsश्री हनुमान पच्चीसा लिरिक्स, दोहा - अजब है शक्ति आपकी, अजब आपके रंग, चरणों में मैं आ गिरा, ओ मेरे...
Read moreDetailsआरती अति पावन पुराण की, धर्म भक्ति विज्ञान खान की।। देखे - श्री भागवत भगवान की है आरती। महापुराण भागवत...
Read moreDetailsजय हो रणबांकुरो की, मरुधर के शुर वीरों की, दिल में थी जिनके माँ भारती, वीरों की रुमझुम उतारे हम...
Read moreDetailsश्री शिव पंचाक्षर नक्षत्रमाला स्तोत्रम्, श्रीमदात्मने गुणैकसिन्धवे नमः शिवाय, धामलेशधूतकोकबन्धवे नमः शिवाय। नामशेषितानमद्भावान्धवे नमः शिवाय, पामरेतरप्रधानबन्धवे नमः शिवाय।।१।। कालभीतविप्रबालपाल ते...
Read moreDetailsभागवत गीतम, ध्येयं सदा परिभवघ्नभीष्टदोहं, तीर्थास्पदं शिव विरंचिनुतं शरण्यं। भृत्यार्तिहं प्रणतपाल भवाब्धिपोतं, वन्दे महापुरुष थे चरणार्विंदम।। यूं प्रवजन्तमनुपेतमपेत कृत्यं, द्वैपायनो...
Read moreDetailsपुष्पांजलि गीत संपूर्ण मंत्र पुष्पांजलि, कर्पूर गौरम करूणावतारं, संसार सायं भुजगेन्द्र हारम्। सदा बसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि।। सानन्द...
Read moreDetailsश्री कुशेश्वर स्त्रोत्र, सदा वसन्तं गिरिजा-समेतम्, गणनाथ नाथं, प्रभु विश्वनाथम्, करुणा स्वरुपं, प्रभु सौम्य रूपम् गिरिजा कुशेश्वर, प्रणमामि नित्यम्।। कृपा...
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