भोमिया जी रमता पधारो म्हारे आंगणिया भजन लिरिक्स

भोमिया जी रमता पधारो म्हारे आंगणिया भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

भोमिया जी रमता पधारो,
म्हारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।



भोमिया जी ढोल ने,

नगाड़ा बाजे नोपता,
थारे जालर वालो पड़े झणकार,
आओ मारे आंगणिया,
भोमियाजी रमता पधारो,
मारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।



भोमिया जी जोता जगावा,

थारे देवरे,
भोमिया जी जोता रे,
हलकारे दर्शण देवो नी,
पधारो मारे आंगाणिया,
भोमियाजी रमता पधारो,
मारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।



भोमिया जी गाया दूवाऊ,

थारे भुरकी,
थारे देवा देवा धूप मे लगावाय,
पधारो मारे आंगणिया,
भोमियाजी रमता पधारो,
मारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।



थारो जोधाणा में,

बणीयो मोटो देवरो,
कोई धज्जा फरुके असमान,
पधारो मारे आंगाणिया,
भोमियाजी रमता पधारो,
मारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।



भोमिया जी थारा भगता री,

सुणजो वीणती,
भोमिया जी राखो,
छत्र वाली छाव,
पधारो मारे आंगाणिया,
भोमियाजी रमता पधारो,
मारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।



भोमिया जी रमता पधारो,

म्हारे आंगणिया,
थारी घणी वो करूला मनवार,
पधारो मारे आंगणिया।।

गायक – महेंद्रसिंह राठौड़
भजन प्रेषक –
सत्य प्रकाश जाँगिड़
9928551404


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