भीड़ पड़ी भक्ता ने तारो देव गोसाई भजन

भीड़ पड़ी भक्ता ने तारो देव गोसाई भजन
राजस्थानी भजन

भीड़ पड़ी भक्ता ने तारो,
संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।



पहलो पांव धरयो मक्का रे मदीना,

दुजो जुंजाला रे माई,
नामा देह कर धाम पुजाई,
कदम रशूल गंवाई।
भीड़ पड़ी भक्ता ने तारों,
संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।



घर धारु रे बीरा जम्मो रे जगायो,

बाई रुपांदे आई,
कोप कियो मेवा का राजा,
थाली मैं बाग लगाई।
भीड़ पड़ी भक्ता ने तारों,
संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।



पांचू पांडू माता रे कुंता,

संग दुर्वासा ऋषि आई,
भूमिया आम अलख कर उग्या,
नूत जिमाया सांई।
भीड़ पड़ी भक्ता ने तारों,
संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।



राजा बलि रे आप पधारेया,

भूमि नापणे यानी,
देह बढ़ाकर भूमि नापी,
जद मान्यो थानै सांई।
भीड़ पड़ी भक्ता ने तारों,
संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।



टिटुड़ी रा बच्चा रे उबारेया,

ऋण भारत रै माहीं,
दोय कर जोड़ी माली,
लिखमो जी गावै,
डगमग डोले नांही।
भीड़ पड़ी भक्ता ने तारों,
संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।



भीड़ पड़ी भक्ता ने तारो,

संकट मेटो म्हारा साईं,
जागो म्हारा गरबा देव गोसाई।।

गायक – महेंद्र बागड़ी।
9828281232


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