जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी भजन लिरिक्स
जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का।। जिसमे तेरा जनम हुआ, …
जीते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी, देख तमाशा लकड़ी का, क्या जीवन क्या मरण कबीरा, खेल रचाया लकड़ी का।। जिसमे तेरा जनम हुआ, …
मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो, तर्ज – जब हम जवां होंगे जाने कहाँ होंगे श्लोक – माँ नाम लेना कोई शर्म नहीं है, इससे …
हे दुःख भंजन मारुती नंदन, सुनलो मेरी पुकार, पवनसुत विनती बारम्बार, पवनसुत विनती बारम्बार।। अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता-२, दुखियो के तुम भाग्य …
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द अपने भक्तो की सुनले पुकार ओ गोविन्द। यमुना का पानी तोसे करता सवाल है तेरे बिना …
मैं हूँ शरण में तेरी संसार के रचैया, कश्ती मेरी लगा दो उसपार ओ कन्हैया।। तर्ज – मैं ढूढ़ता हूँ जिनको। मेरी अरदास …
बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला, श्लोक – शिव समान दाता नहीं, विपत निवारण हार, लज्जा सबकी राखियो, ओ नंदी के असवार। …
अयोध्या करती है आव्हान, ठाट से कर मंदिर निर्माण।। राम भूमि की जय हो, जन्म भूमि की जय हो, राम लला की जय …
बड़े मान से जमाना, माँ तुमको पूजता है। श्लोक – जयंती मंगला काली, भद्र काली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवाधात्री, स्वाहा स्वधा नमोस्तुते। बड़े …
काहे तेरी अखियों में पानी, दोहा – जोगनिया का भेष बनाके, तुम्हे पुकारूँ मोहन, रख लो लाज मेरी कान्हा, बन गई तेरी जोगन। …