अर्जी पे अर्जी मैं करा,
जगदंबे म्हारी माय,
अरे कटे री लगाई इतनी देर,
जगदंबे मारी माय।।
हो कैयां थे सोया सुख भरी नींद,
ओ जगदंबे म्हारी माय,
हो चामुंडा म्हारी माय,
के थाने भगता लिन्ही घेर,
हो चामुंडा म्हारी माय,
अरे कटे री लगाई इतनी देर,
जगदंबे मारी माय।।
के थारो रथडो रुक गयो ये खेत में,
हो चामुंडा म्हारी माय,
ओ जगदंबे म्हारी माय,
के थारो नट गयो शेर,
हो चामुंडा,
अरे कटे री लगाई इतनी देर,
जगदंबे मारी माय।।
ऊँचे डूंगर थारो देवरो,
ओ जगदंबे म्हारी माय,
ओ जोगणिया म्हारी माय,
ध्वजा तो उड़े आसमान,
हो चामुंडा,
अरे कटे री लगाई इतनी देर,
जगदंबे मारी माय।।
अर्जी पे अर्जी मैं करा,
जगदंबे म्हारी माय,
अरे कटे री लगाई इतनी देर,
जगदंबे मारी माय।।
गायक – शंकर जी रामानंदी।
प्रेषक – देवकीन्दन शर्मा (सीसोला वाले)








