अमल कालजे लागो आज मारो मनड़ो हुओ वैरागी

अमल कालजे लागो आज मारो मनड़ो हुओ वैरागी
राजस्थानी भजन

अरे आज मारो मनड़ो हुओ वैरागी,
उठे हवारनो वेगो रे जीवडा,
अमल कालजे लागो ए हा।।



घर वाली ने हेलो रे मारीयो,

देवे नी लोटो आगो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



घर वाली ने हेलो रे मारीयो,

देवेनी चुटीयो आगो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



अरे अलीये गलीये फिरे भटकतो,

अरे करे अमल ने आगो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



जाय अमलो मे नीचो बैठो,

गोडो बिच मे मातो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



अरे एक हथेली ने दुजी हथेली,

तीजी पिवा लागो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



अरे हाड गले ज्यारा मांस गले,

डगमग करवा लागो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



अरे गाडो बेचीयो ने बलद बेचीया,

घर बेचवा लागो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



अरे कहेसे कबीर सुनो रे भई संतों,

अमल राखजो आगो रे जीवडा,
अमल कालजें लागो ए हा।।



अरे आज मारो मनड़ो हुओ वैरागी,

उठे हवारनो वेगो रे जीवडा,
अमल कालजे लागो ए हा।।

भजन प्रेषक – मनीष जी सिरवी।
9640557818


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