आशापुरी आयो थारे द्वार थारी महिमा अपरम्पार लिरिक्स

आशापुरी आयो थारे द्वार थारी महिमा अपरम्पार लिरिक्स
प्रकाश माली भजनराजस्थानी भजन

थारी महिमा अपरम्पार,
आशापुरी आयो थारे द्वार,
थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,
ओ नवदुर्गा माँ,
थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,
ओ नवदुर्गा माँ।।



घट घट री जाणो म्हारी मैया,

थारा सु नही छानी,
घट घट री जाणो म्हारी माता,
थारा सु नही छानी,
शिव शंकर ने नाच नचायो,
तू बन गई भीलरानी,
शिव शंकर ने नाच नचायो,
तू बन गई भीलरानी,
थे तो नटवर नाच नचायो,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।



लंकापति की बुद्धि हरी वो,

सीता रूप बनायो,
लंकापति की बुद्धि हरी वो,
सीता रूप बनायो,
रामचंद्र के हाथो मैया,
तूने युद्ध करायो,
रामचंद्र के हाथों मैया,
तूने युद्ध करायो,
तू ने रावण वद करायो,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।



कौरवो ने करी अनीति,

द्रोपदी रूप बनायो,
कौरवों ने करी अनीति,
द्रोपदी रूप बनायो,
कृष्ण चंद्र संग पाँचों पांडव,
एसो चक्र चलायो,
कृष्णचंद्र संग पाँचो पांडव,
एसो चक्र चलायो,
थेतो महाभारत करवायो,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।



ब्रम्हा विष्णु महेश मैया,

सब देवों ने मानी,
ब्रम्हा विष्णु महेश मैया,
सब देवों ने मानी,
सारे जग की जननी माता,
सुनले मेरी वाणी,
सारे जग की जननी माता,
सुनले मेरी वाणी,
शरणे अर्जुन ने अब राख,
म्हारी अम्बे माँ ओ नवदुर्गा माँ।।



थारी महिमा अपरम्पार,

आशापुरी आयो थारे द्वार,
थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,
ओ नवदुर्गा माँ,
थारे भगता रे बुलाया वेगा आवो माँ,
ओ नवदुर्गा माँ।।

गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818


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