अरे हैदराबाद री धन्य धरा पर,
एलबी नगर धरती प्यारी,
आई माताजी वटे बिराजे,
होवे प्रतिष्ठा है भारी,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारो,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
अरे पौष वदी आठम ने मैया,
शुभ घड़ी शुभ वेला आयी,
जद आया म्हारी आई माताजी,
एलबी नगर आ धन्य हुयी,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारों,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
ठुमक ठुमक कर एलबी नगर में,
आई माताजी री बैल आयी,
ठुमका सु ए नाचे गेरीया,
सखियां मंगला ए गायी,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारों,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
अरे माधव सिंह जी दिवान पधारीया,
धर्मगुरु जी ने बलिहारी,
महर करो म्हारी आई माताजी,
लाज राखजो भगता री,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारों,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
अरे अखण्ड ज्योता जागे आईजी री,
एलबी नगर में है भारी,
समस्त कार्यकरणी मनावे,
कृपा करो मां धनीयाणी,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारों,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
अरे रायपुर सु ओ मनीष सीरवी,
भजन बनावे है भारी,
भंवर सीरवी गावे भाव सु,
जुग जुग चरना मे थोरी,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारों,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
अरे हैदराबाद री धन्य धरा पर,
एलबी नगर धरती प्यारी,
आई माताजी वटे बिराजे,
होवे प्रतिष्ठा है भारी,
अरे सीरवी भगत घणा हर्षावे,
जय बोले सब नर नारी,
आई माताजी वेगा पधारो,
दर्शन री मां बलिहारी ए हा।।
गायक – भंवर जी सीरवी कोलपुरा।
लेखक – मनीष सीरवी रायपुर।
जिला ब्यावर राजस्थान।








